Roshan sharma

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आपके लिए

कसमें वफा की आप जहां तक भी खाएंगे l
सब लोग वे यकीन है झूठा बताएंगे ll

उनकी वफा से आज भी ये नाज है हमें l
जाएंगे बो जहां से तो सब को रुलाएंगे ll

उनकी वफा की कब्र पर गर रोशनी नहीं l
हम खुद चिराग बन के उजाले लुटाएंगे ll

लाशे वफा के चेहरे पर है ऐसी ताजगी l
देखेंगे जितने लोग वो आंशु बहाएंगे ll

जो ख्वाब थे हसीन वो तकसीम कर दिए l
आंखो के खालीपन को कहां तक छिपाएंगे ll

जी लोगे जिंदगी तो हमारे बगैर भी l
लेकिन यह लम्हे रोज तुम्हें याद आएंगे ll

महफिल में रोशनी की कमी हो ना पाएगी l
शमा अगर बुझेगी तो हम दिल जलाएंगे ll

ठुकरा चुकी है हमको मंजिले तो क्या हुआ l
मेरा मुकाम आप जहां भर में पाएंगे ll

मौसम- ए -खुशगवार से आए है अजाब l
हम गम जदा हुए तो कभी नज्म गाएंगे ll

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6 Comments

बहुत अच्छे 👌👌👌👌

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Roshan sharma

02-Jul-2021 08:01 PM

Thnx

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Aliya khan

02-Jul-2021 05:59 PM

वाह जी कमाल करते हो

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Roshan sharma

02-Jul-2021 06:02 PM

☺️☺️

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Apeksha Mittal

02-Jul-2021 11:25 AM

आपकी कविता सबसे अलग होती है सर , आप कमाल के लेखक है ।

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Roshan sharma

02-Jul-2021 11:28 AM

thnx

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